महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है, जहां करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्नान करने के लिए एकत्रित हो रहे हैं। इस महापर्व के दौरान गंगा नदी की स्वच्छता और मेले में सुरक्षा व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
गंगा नदी की स्वच्छता: चुनौतियाँ और प्रयास
महाकुंभ के दौरान गंगा नदी की स्वच्छता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) और राज्य सरकार को गंगा जल की गुणवत्ता पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। विशेष रूप से, फीकल कॉलीफॉर्म और ऑक्सीजन स्तर जैसे मानकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो जल की स्वच्छता के प्रमुख संकेतक हैं।
UPPCB ने गंगा जल की गुणवत्ता की निगरानी के लिए विभिन्न बिंदुओं पर परीक्षण किए हैं। हालांकि, NGT ने इन रिपोर्टों में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों की कमी पाई है और राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि श्रद्धालुओं को स्वच्छ जल में स्नान का अवसर मिले, सरकार ने गंगा की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाए हैं।
सुरक्षा व्यवस्थाएँ: भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन प्रबंधन
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्थाएँ अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के अवसर पर, जब लगभग 4 करोड़ श्रद्धालु मेले में उपस्थित थे, रात 1:15 बजे से 1:30 बजे के बीच भगदड़ की घटना हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर कहा कि इतनी बड़ी भीड़ में ऐसी स्थिति में कोई और होता तो उसके हाथ-पांव फूल जाते, लेकिन प्रशासन ने तत्परता से कार्य किया और स्थिति को संभाला।
इस घटना के बाद, प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्थाओं को और मजबूत किया है। बसंत पंचमी के अवसर पर होने वाले अंतिम अमृत स्नान के लिए पुलिस और प्रशासन ने ‘जीरो एरर’ रणनीति अपनाई है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
श्रद्धालुओं की सुविधा: परिवहन और अन्य व्यवस्थाएँ
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए परिवहन व्यवस्थाओं में भी सुधार किए गए हैं। महाकुंभ से पहले नाविकों के किराए में 50% की बढ़ोतरी की गई है, जिससे संगम में नाव संचालन में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, मेले में स्वच्छता, चिकित्सा सुविधाएँ और आपातकालीन सेवाओं के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 में गंगा नदी की स्वच्छता और मेले की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरकार और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से श्रद्धालुओं को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में स्नान और धार्मिक गतिविधियों का अवसर मिल रहा है। NGT के निर्देशों के पालन और प्रशासन की तत्परता से यह सुनिश्चित हो रहा है कि महाकुंभ का यह आयोजन सफल और सुरक्षित रूप से संपन्न हो।
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