इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अवैध प्रवासियों की वापसी, ट्रंप प्रशासन की नीतियों और भारत-अमेरिका संबंधों पर अपने विचार साझा किए।
7 मार्च 2025 को नई दिल्ली में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने अवैध प्रवासी भारतीयों की वापसी, डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनके कार्यकाल, भारत-अमेरिका संबंधों और वैश्विक राजनीति पर अपने विचार साझा किए।
अवैध प्रवासियों की वापसी पर माइक पोम्पिओ के विचार
कॉन्क्लेव के दौरान, माइक पोम्पिओ से अमेरिका से भारत भेजे गए अवैध प्रवासियों के बारे में सवाल किया गया, जिनके हाथ-पैर बांधकर उन्हें वापस भेजा गया था। इस पर पोम्पिओ ने स्पष्ट किया कि वे सभी व्यक्ति हिंसक अपराधी थे, जिनमें से कई को सजा भी सुनाई गई थी। उन्होंने कहा, “जिन लोगों को अमेरिका से भारत भेजा गया, वे सभी हिंसक अपराधी थे, और उनमें से कई को सजा भी सुनाई गई थी।” यह बयान दर्शाता है कि ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के प्रति सख्त रुख अपनाया था, विशेषकर उन लोगों के प्रति जिन्होंने गंभीर अपराध किए थे।
डोनाल्ड ट्रंप के साथ कार्यकाल और उनकी नीतियां
माइक पोम्पिओ ने डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने कार्यकाल के अनुभव भी साझा किए। उन्होंने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका की सुरक्षा और समृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने कहा कि ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया और वैश्विक मंच पर अमेरिका की स्थिति को सुदृढ़ किया। पोम्पिओ ने यह भी उल्लेख किया कि ट्रंप प्रशासन ने चीन की आक्रामक नीतियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, जिससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शक्ति संतुलन बना रहा।
भारत-अमेरिका संबंधों पर माइक पोम्पिओ की राय
भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में पूछे जाने पर, माइक पोम्पिओ ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध पिछले कुछ वर्षों में और मजबूत हुए हैं। उन्होंने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच संबंध आज पहले से कहीं अधिक मजबूत हैं। दोनों देश लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसे मूल्यों को साझा करते हैं, जो हमारी साझेदारी की नींव हैं।” पोम्पिओ ने यह भी कहा कि रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों के पास अपार संभावनाएं हैं।
वैश्विक राजनीति और सुरक्षा पर विचार
माइक पोम्पिओ ने वैश्विक राजनीति और सुरक्षा के मुद्दों पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में विश्व कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें आतंकवाद, साइबर सुरक्षा खतरे और अधिनायकवादी देशों की बढ़ती आक्रामकता शामिल हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतांत्रिक देशों को मिलकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा और एकजुट होकर कार्य करना होगा।
ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीतियों पर चर्चा
कॉन्क्लेव में ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीतियों पर भी चर्चा हुई। माइक पोम्पिओ ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने के लिए कई कदम उठाए, जिनमें चीन पर टैरिफ लगाना शामिल था। उन्होंने कहा कि इन नीतियों का उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों और कामगारों की रक्षा करना था। पोम्पिओ ने यह भी कहा कि इन नीतियों के परिणामस्वरूप अमेरिका की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ और रोजगार के अवसर बढ़े।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव का महत्व
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव एक प्रतिष्ठित मंच है, जहां विश्व के नेता, विचारक और विशेषज्ञ विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं। इस वर्ष के कॉन्क्लेव में माइक पोम्पिओ की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई और भारत-अमेरिका संबंधों पर महत्वपूर्ण संवाद को प्रोत्साहित किया। उनकी बेबाक बातचीत ने उपस्थित लोगों को वैश्विक राजनीति, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों की गहरी समझ प्रदान की।
निष्कर्ष
माइक पोम्पिओ की इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में उपस्थिति और उनकी स्पष्टवादी बातचीत ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला। अवैध प्रवासियों की वापसी, ट्रंप प्रशासन की नीतियां, भारत-अमेरिका संबंधों और वैश्विक सुरक्षा पर उनके विचारों ने उपस्थित लोगों को सोचने पर मजबूर किया। यह संवाद न केवल वर्तमान मुद्दों की समझ को गहरा करता है, बल्कि भविष्य में भारत-अमेरिका संबंधों की दिशा को भी संकेतित करता है।
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