दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान को 15 दिनों की अंतरिम जमानत दी है। शाहरुख पर दंगों के दौरान एक पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानने का आरोप है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
शाहरुख पठान: घटनाक्रम और आरोप
फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध और समर्थन के बीच उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी थी। इसी दौरान, मौजपुर इलाके में शाहरुख पठान ने ऑटोमैटिक पिस्टल से भीड़ पर गोली चलाई और फिर दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल दीपक दहिया पर पिस्तौल तान दी थी। यह घटना कैमरे में कैद हो गई और वीडियो वायरल हो गया, जिससे शाहरुख सुर्खियों में आया।
गिरफ्तारी और न्यायिक प्रक्रिया
घटना के बाद शाहरुख फरार हो गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद उसे उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार किया गया। तब से वह तिहाड़ जेल में बंद था। शाहरुख पर पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानने और रोहित शुक्ला नामक व्यक्ति की हत्या की कोशिश के दो मामलों में आरोप लगे हैं।
अंतरिम जमानत का आदेश
7 मार्च 2025 को कड़कड़डूमा कोर्ट ने शाहरुख को 15 दिनों की अंतरिम जमानत दी। इससे पहले, अक्टूबर 2023 में रोहित शुक्ला पर गोली चलाने के आरोप में कोर्ट ने उसे जमानत दी थी, यह मानते हुए कि उस पर लगे आरोप झूठे थे।
राजनीतिक संदर्भ: AIMIM की संभावित उम्मीदवारी
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में शाहरुख पठान को उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। AIMIM के दिल्ली प्रमुख शोएब जमाई ने शाहरुख के परिवार से मुलाकात की और कहा कि यदि परिवार और स्थानीय लोग चाहें, तो पार्टी शाहरुख को चुनाव लड़वाने के लिए तैयार है।
सारांश
शाहरुख पठान, जो 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानने के आरोप में जेल में थे, उन्हें कड़कड़डूमा कोर्ट ने 15 दिनों की अंतरिम जमानत दी है। इसके साथ ही, AIMIM पार्टी उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है, जिससे यह मामला फिर से सुर्खियों में है।
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