चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा, बावजूद इसके बीजेपी ने बाजी पलट दी। इस नतीजे का सबसे बड़ा झटका अरविंद केजरीवाल को लगा है, क्योंकि मेयर पद पर बीजेपी का कब्जा हो गया, जबकि बाकी दो पद कांग्रेस के खाते में गए।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव: आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका, बीजेपी ने पलटी बाजी
दिल्ली और चंडीगढ़ चुनाव का अंतर
चंडीगढ़ मेयर चुनाव का सियासी समीकरण दिल्ली विधानसभा चुनाव से थोड़ा अलग था। यहां भी तीन बड़े दल – आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस – मैदान में थे। लेकिन मुकाबला सीधे दो गुटों के बीच था, जबकि दिल्ली में त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलता है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन चंडीगढ़ में दोनों ने लोकसभा चुनाव की तरह गठबंधन किया था और मिलकर बीजेपी से मुकाबला कर रहे थे।
बीजेपी की जीत से किसे हुआ फायदा और नुकसान?
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल कर बाजी मार ली। कांग्रेस को भी फायदा हुआ, लेकिन सबसे बड़ा झटका अरविंद केजरीवाल को लगा।
- बीजेपी उम्मीदवार हरप्रीत कौर ने आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन की प्रत्याशी प्रेमलता को हरा दिया।
- सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद कांग्रेस के खाते में गए।
- बीजेपी और कांग्रेस को फायदा, जबकि आम आदमी पार्टी को नुकसान हुआ।
महिलाओं के लिए आरक्षित था मेयर पद
इस बार चंडीगढ़ मेयर का पद महिलाओं के लिए आरक्षित था।
- बीजेपी ने तीनों पदों के लिए उम्मीदवार उतारे।
- आम आदमी पार्टी को केवल मेयर पद मिला, जबकि बाकी दो पद कांग्रेस के हिस्से में गए।
- क्रॉस वोटिंग हुई, जिससे बीजेपी ने बाजी मार ली।
क्रॉस वोटिंग और विवाद
मेयर चुनाव में सबसे पहला वोट चंडीगढ़ के कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने डाला। इस दौरान विवाद भी हुआ, जब आम आदमी पार्टी की पार्षद जसविंदर कौर ने बैलट पेपर पर गड़बड़ी का आरोप लगाया।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने क्रॉस वोटिंग रोकने के लिए पार्षदों को रिसॉर्ट में ठहराया।
- आम आदमी पार्टी के पार्षदों की निगरानी पंजाब पुलिस ने की।
- कांग्रेस पार्षदों की देखरेख कांग्रेस नेताओं ने की।
इसके बावजूद तीन पार्षदों ने बीजेपी को वोट दे दिया, जिससे परिणाम बदल गया।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुआ चुनाव
पिछली बार हुए विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस जयश्री ठाकुर को पर्यवेक्षक नियुक्त किया।
- चुनाव की वीडियोग्राफी कराई गई।
- सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।
- बिजली आपूर्ति प्रबंधन किया गया।
नंबर गेम: कैसे हारा AAP-कांग्रेस गठबंधन?
बीजेपी की मेयर उम्मीदवार हरप्रीत कौर को 19 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी की प्रेमलता को 17 वोट।
- कांग्रेस के सीनियर डिप्टी मेयर को भी 19 वोट मिले।
- कांग्रेस ने दो पद जीते, लेकिन आम आदमी पार्टी खाली हाथ रही।
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं।
- 36वां वोट सांसद का होता है, जिससे कुल वोट 36 हो जाते हैं।
- गठबंधन के पास 20 वोट होने चाहिए थे, लेकिन बीजेपी को 19 वोट मिल गए।
- क्रॉस वोटिंग के कारण आम आदमी पार्टी को नुकसान हुआ।
अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ा झटका
गुप्त मतदान होने के कारण यह पता नहीं चला कि क्रॉस वोटिंग किसने की।
- अगर आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने ऐसा नहीं किया, तो इसका दोष कांग्रेस पर जाएगा।
- चंडीगढ़ की हार से आम आदमी पार्टी की रणनीति पर सवाल उठे।
- दिल्ली चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल के लिए यह बुरी खबर साबित हो सकती है।
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