Delhi Weather: मंगलवार को दिल्ली में हल्की बारिश और बादल रहे छाए, IMD के अनुसार तेज गरज के साथ बारिश और तापमान में गिरावट की संभावना।
दिल्ली का मौसम 4 फरवरी: बादल और हल्की बारिश के साथ ठंड में वृद्धि
दिल्ली में मंगलवार को सुबह के समय बादल छाए रहे, जबकि शहर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश भी देखने को मिली। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, दिन में तेज गरज के साथ बारिश की संभावना जताई जा रही है, जिससे तापमान में गिरावट हो सकती है।
दिल्ली का तापमान:
बारिश की वजह से दिल्ली में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हो सकती है। आज का तापमान 12°C से 21°C के बीच रहने का अनुमान है। सोमवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 10.2°C, अधिकतम 24.4°C और ह्यूमिडिटी 49% दर्ज की गई थी।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता:
दिल्ली की वायु गुणवत्ता अभी भी ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। मंगलवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 243 दर्ज किया गया था।
दिल्ली में कहां-कहां होगी हल्की बारिश?
IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक, दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है। जिन इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है, उनमें बवाना, अलीपुर, पीतमपुरा, मुंडका, प्रीत विहार, द्वारका, लोधी रोड, दिल्ली एयरपोर्ट, वसंत विहार, और लाजपत नगर शामिल हैं।
दिल्ली का मौसम आने वाले दिनों में:
मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली का मौसम जल्द ही करवट बदल सकता है। धूप भरी सुबह के बाद तापमान में गिरावट और ठंड बढ़ सकती है।
इस सप्ताह दिल्ली का मौसम कैसा रहेगा?
इस सप्ताह दिल्ली में बारिश और कोहरे की स्थिति मिली-जुली रहेगी। 5 फरवरी से राजधानी में कोहरा हावी रहेगा। 5 फरवरी को एवरेज लेवल पर कोहरा रहने का अनुमान है, और 6 और 7 फरवरी को हल्का कोहरा देखा जा सकता है। इस दौरान तापमान 9 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। यह स्थिति 8 और 9 फरवरी तक जारी रह सकती है, जिसमें घना कोहरा और तापमान में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।
इस साल दिल्ली में सबसे गर्म जनवरी
इस साल दिल्ली ने 2019 के बाद से सबसे गर्म जनवरी महीना दर्ज किया। जनवरी का औसत अधिकतम तापमान 21.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि 20.1 डिग्री सेल्सियस के दीर्घकालिक औसत से थोड़ा अधिक था। IMD के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने रात का तापमान भी सामान्य से अधिक था। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, जनवरी में तापमान में वृद्धि का कारण वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की अनुपस्थिति रही, जो आमतौर पर बारिश लाती है और तापमान को कम करती है। मौसम विशेषज्ञ महेश पलावत के अनुसार, “इस महीने के दौरान, हालांकि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस उत्तर भारत से गुजरे, लेकिन वे अधिकांशतः कमजोर थे और उनके कारण पर्याप्त बर्फबारी या बारिश नहीं हुई।”
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