महाराष्ट्र के बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में सीआईडी ने हाल ही में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड की आपराधिक गतिविधियों और उसके द्वारा स्थापित गिरोहों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया है।
घटना का विवरण
9 दिसंबर 2024 को, बीड जिले के मासजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का अपहरण किया गया था। उन्हें छह अज्ञात व्यक्तियों ने स्कॉर्पियो वाहन में जबरन बैठाकर ले गए। बाद में, संतोष देशमुख का शव मिला, जिस पर गंभीर पिटाई के निशान थे।
मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड: एक परिचय
वाल्मिक कराड परली नगर परिषद के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हैं और मंत्री धनंजय मुंडे के कट्टर समर्थक के रूप में जाने जाते हैं। वह पिछले दस वर्षों से परली निर्वाचन क्षेत्र के राजनीतिक प्रबंधन के प्रभारी रहे हैं। कराड जिले के सभी सरकारी और सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाते थे। उनके खिलाफ पहले भी गंभीर अपराध दर्ज हो चुके हैं।
सीआईडी की चार्जशीट के प्रमुख बिंदु
सीआईडी द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया गया है:
- अपराधी गिरोहों की स्थापना: कराड ने बीड जिले में अपना दबदबा बनाए रखने और विकास परियोजनाओं से अवैध धन अर्जित करने के लिए कई आपराधिक गिरोह स्थापित किए थे।
- राजनीतिक संरक्षण: कराड की मंत्री धनंजय मुंडे से करीबी संबंधों के कारण, उसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था, जिससे उसकी आपराधिक गतिविधियों में वृद्धि हुई।
- आत्मसमर्पण की योजना: कराड ने 31 दिसंबर 2024 को सीआईडी कार्यालय में आत्मसमर्पण किया। एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया कि उसके आत्मसमर्पण की ‘सेटिंग’ पहले ही हो चुकी थी।
- मकोका का लागू न होना: सभी आरोपियों पर मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) लगाया गया, लेकिन मुख्य आरोपी कराड पर यह कानून लागू नहीं किया गया, जिससे विपक्ष ने सरकार की आलोचना की।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और विपक्ष का रुख
इस हत्याकांड के बाद, विपक्ष ने सरकार पर कराड को राजनीतिक संरक्षण देने का आरोप लगाया। एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि कराड पर हत्या का मामला दर्ज नहीं होगा, क्योंकि उसका पिता कैबिनेट में बैठा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कराड की मंत्री धनंजय मुंडे से करीबी संबंध हैं, जो उनकी संपत्ति में असामान्य वृद्धि का संकेत देते हैं।
बीड जिले में अपराध की स्थिति
पिछले पांच वर्षों में, बीड जिले में 308 हत्याएं दर्ज की गई हैं, जो जिले में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को दर्शाती हैं। इस अवधि में, जिले में 1,200 से अधिक अपराध दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 308 हत्याएं शामिल हैं।
सरपंच संतोष देशमुख की हत्या और वाल्मिक कराड की आपराधिक गतिविधियों ने बीड जिले में कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति को उजागर किया है। सीआईडी की चार्जशीट ने कराड के अपराध साम्राज्य और राजनीतिक संरक्षण के बीच संबंधों को स्पष्ट किया है, जिससे सरकार और प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। आवश्यक है कि न्याय प्रणाली स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करे ताकि पीड़ित के परिवार को न्याय मिल सके और जिले में कानून व्यवस्था बहाल हो सके।
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