अतुल सुभाष

बेंगलुरु के आईटी प्रोफेशनल अतुल सुभाष की आत्महत्या: FIR से शुरू हुआ प्रताड़ना का सफर

बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या ने दहेज कानून के दुरुपयोग और कानूनी प्रक्रियाओं की खामियों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अपने 24 पेज के सुसाइड नोट में अतुल ने पत्नी निकिता सिंघानिया द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया और इसके लिए सबूत भी पेश किए।

शादी और FIR की शुरुआत

अतुल सुभाष और निकिता की मुलाकात Shaadi.com के जरिए हुई थी। उनकी शादी 26 अप्रैल 2019 को वाराणसी के हिंदुस्तान इंटरनेशनल होटल में हुई। शादी के बाद निकिता ने अपने पति और उनके परिवार के खिलाफ जौनपुर कोतवाली में 24 अप्रैल 2022 को FIR दर्ज करवाई। इस FIR में IPC की धारा 498, 323, 504, 506 और दहेज प्रथा अधिनियम की धारा 3/4 के तहत मामले दर्ज हुए। FIR में अतुल, उनके माता-पिता और छोटे भाई का नाम शामिल था।

FIR में लगाए गए आरोप

निकिता ने आरोप लगाया कि अतुल और उनके परिवार ने शादी के तुरंत बाद से 10 लाख रुपये दहेज की मांग शुरू कर दी। उन्होंने पति पर शराब पीकर मारपीट करने और उसकी सैलरी जबरदस्ती अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवाने का भी आरोप लगाया। साथ ही, निकिता ने कहा कि दहेज की मांग को लेकर 16 अगस्त 2019 को उनके मायके आने पर उनके पिता को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई।

अतुल का पक्ष: सुसाइड नोट के जरिए जवाब

अपने सुसाइड नोट में अतुल ने इन सभी आरोपों को खारिज किया। उन्होंने लिखा कि निकिता शादी के सिर्फ दो दिन ही उनके परिवार के साथ रही और उसके बाद बेंगलुरु चली आई। उन्होंने कहा कि FIR में लगाए गए मारपीट के आरोपों का कोई सबूत नहीं है, जैसे चोट के निशान, तस्वीरें, या पुलिस शिकायत।

दहेज मांगने के आरोप पर अतुल ने लिखा कि वह खुद 40 लाख रुपये सालाना कमाते थे और उन्हें 10 लाख की कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने उल्टा यह दावा किया कि उन्होंने निकिता के परिवार को बिजनेस के लिए 15 लाख रुपये दिए थे, लेकिन वह पैसा घर खरीदने में इस्तेमाल हो गया।

Also Read in English: Bengaluru Techie Atul Subhash’s Suicide

कानूनी प्रक्रिया और प्रताड़ना

अतुल ने बताया कि इस FIR के बाद उन्हें, उनके छोटे भाई और बूढ़े माता-पिता को 120 बार जौनपुर कोर्ट में पेश होना पड़ा। उन्होंने लिखा कि नौकरी में सालाना 23 छुट्टियां मिलने के बावजूद उन्होंने व्यक्तिगत रूप से 40 बार कोर्ट में हाजिरी दी। यह उनके लिए मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना बन गया था।

निकिता की मां का पक्ष

इस मामले पर निकिता सिंघानिया की मां से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

सवाल उठाती आत्महत्या

अतुल की आत्महत्या ने दहेज कानून के दुरुपयोग और अदालत की लंबी प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े किए हैं। सुसाइड नोट में उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया ने न केवल उन्हें बल्कि उनके परिवार को भी बुरी तरह प्रभावित किया।

यह मामला समाज और कानून व्यवस्था के सामने कई महत्वपूर्ण सवाल छोड़ता है।

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